अखिल विश्व गायत्री परिवार एवं रचनात्मक आन्दोलन : एक संक्षिप्त परिचय
अखिल विश्व गायत्री परिवार, विचार क्रान्ति अभियान-युग निर्माण योजना आन्दोलन के प्रणेता ऋषियुग्म वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी एवं माता भगवती देवी शर्मा जी हैं । उन्होंने हिमालयवासी दादा गुरुदेव सर्वे ्वरानन्द जी के प्रत्यक्ष-परोक्ष मार्गदर्शन में सम्पूर्ण मानवता के हित निमित्त किस तरह जौ की रोटी एवं छाछ पीकर कठोर तपश्चर्या की है, यह सर्वविदित है। आद्यशक्ति-वेदमाता, देवमाता एवं विश्वमाता गायत्री की उपासना-साधना 24-24 लाख के 24 साल तक 24 महापुरश्चरण सम्पन्न कर जो ऋद्धियाँ-सिद्धियाँ हस्तगत की यह उसी का ही सत्परिणाम है, जो आज विशाल वट-वृजक्ष की भाँति अखिल विश्व गायत्री परिवार के रूप में विश्वपटल पर उभरा है।
गुरुसत्ता ने अपने सम्पूर्ण जीवन काल में अपने वजन से भी भारी युग साहित्य के रूप में 3200 से अधिक किताबें जीवन के हर पहलुओं पर लिखी है। साधक, तपस्वी, योगी, लेखक, संगठक आदि की भूमिका निभाते हुए अवतारी चेतना के अवतरण के रूप में मानवता के त्राण के लिए धराधाम में उनका प्रादुर्भाव हुआ। वही देव परिवार का नन्हा-सा बीज अंकुरित होकर आज अखिल विश्व गायत्री परिवार के रूप में मानवता के सम्मुख है। अगणित प्रतिभाएँ एवं विभूतियाँ इस युग निर्माण योजना आन्दोलन में अपनी तरह से बराबर संलग्न हैं और सफल-सार्थक जीवन व्यतीत करते हुए कृत-कृत्य अनुभव कर रहे हैं।
A sage, a visionary and a reformer, the Acharya initiated Yug Nirman Yojna - a movement for mass transformation. He lived a disciplined life of devout austerity, visited Himalayas several times and attained spiritual eminence. It is time that we awaken, change our attitude and expand our sensitivities to the changing times by transforming our thoughts. Thought provoking - life transforming literature has been the basis of this mission initiated for transformation of era.