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गायत्री का वैज्ञानिक आधार

भगवान की अनन्त शक्तियां हैं। उनमें से कुछ हमारे लिए अनुकूल और कुछ प्रतिकूल पड़ती हैं। भगवान ने सिंह व्याघ्र भी बनाये हैं और गाय घोड़े भी। सृष्टि में सिंह व्याघ्र की भी उपयोगिता है परन्तु वे मनुष्य के लिए तो प्रतिकूल ही पड़ते हैं। पशुओं की सहस्रों जातियों में से केवल गाय सब से […]

गायत्री साधना के दिव्य लाभ

गायत्री मंत्र में समस्त संसार को धारण, पोषण और अभिवर्द्धन करने वाले परमात्मा से सद्बुद्धि प्रदान करने की प्रार्थना की गई है। श्रद्धा-विश्वासपूर्वक की गई यह उपासना साधक की अंतश्चेतना में, उसके मन, अंतःकरण, मस्तिष्क, विचारों और भावनाओं में सन्मार्ग की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा भरती है। साधक जब इस महामंत्र के अर्थ पर […]

समृद्धि का एकमेव आधार- ग्रामोत्थान

दूर-दूर फैली खेतों की मखमली हरियाली, निर्मल आकाश, नदी, नद, सरोवर, झरनों की सुमधुर आवाज, पक्षियों का कलरव, मिट्टी की सौंधी-सौंधी महक गाँवों की प्राकृतिक सम्पदा एवं सम्पत्ति है। ऐसा लगता है मानो प्रकृति अपने समस्त सौंदर्य एवं शृंगार के साथ गाँव में बस गयी हो। गाँव का परिवेश एवं पर्यावरण मनभावन, मोहक एवं सजीव […]

समय जरा भी बर्बाद न कीजिए (भाग १)

समय को सम्पत्ति कहा गया है। यह गलत भी नहीं है। समय का सदुपयोग करके ही लोग धनवान बनते हैं, विद्वान तथा कर्तृत्ववान बनते हैं। कभी किसी प्रकार भी एक क्षण खराब करना अपनी बड़ी हानि करना है। जिस प्रकार समय का सदुपयोग लाभकारी होता है उसी प्रकार समय का दुरुपयोग हानिकारक होता है। खाली […]