प्रज्ञा समाचार/रायगढ़(छ.ग.)/ आज दिनांक २६.०२.२०२२ को गायत्री शक्तिपीठ रायगढ़ में जिला स्तरीय संगोष्ठी जिले के सक्रिय एवं कर्मठ वरिष्ठ प्रज्ञापुत्रों, आत्मीय प्राणवान कार्यकत्र्ता भाईयों-बहनों एवं प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ प्रमुख श्री ओमप्रकाश जी राठौर की अध्यक्षता साथ ही शान्तिकुंज प्रतिनिधि स्वरूप देसंविवि के डॉ० कामता साहू की उपस्थिति में सम्पन्न हुई। अगले वर्ष माघ-पूर्णिमा के अवसर पर सम्पन्न होने वाले एक बहुउद्देश्यीय १०८ कुण्डीय यज्ञ जो गायत्री-गो सेवा-संस्थान बैसपाली-रायगढ़ में भावी प्रस्तावित प्रकल्पों के भूमि पूजन एवं शिलान्यास के साथ सम्पन्न होने हैं, सविस्तार चर्चा हुई।
आदरणीय राठौर जी की अध्यक्षता में अध्यक्षीय उद्बोधन के पश्चात् डॉ० कामता साहू ने आगामी विराट् यज्ञ के बहुउद्देश्यीय स्वरूप एवं रायगढ़ जिले सहित निकटवर्ती प्रभावित जिले सक्ती कोरबा, जांजगीर के गाँवों में भी मिशन की महत् सप्त-आन्दोलनों जो माताजी के जन्म शताब्दी एवं अखण्ड दीप शतकीय वर्ष २०२६ तक किस तरह कार्य योजनाओं को गति दी जा सकती है, इस सन्दर्भ में देव परिवार से जुड़े परिजनों के बीच पारिवारिक संगोष्ठी सम्पन्न हुई। रायगढ़ जिले के प्राय: सभी ब्लॉक प्रमुखों-परिजनों की सहभागिता थी। विचार मंथन एवं भावी योजनाओं की मौखिक जानकारी साथ ही जिज्ञासा के संबंध में सविस्तार चर्चा हुई।
संगोष्ठी के क्रम में छ०ग० जो कि गुरुदेव के शब्दों में हृदयस्थली है, पूरे प्रान्त के निरन्तर उज्ज्वल भविष्य एवं चहुँमुखी उन्नति-प्रगति की रचनात्मक योजनाएँ मातृ संस्थान केन्द्र शान्तिकुंज से किस तरह सतत् प्रवाहमान होने जा रही हैं और अगले दिनों क्रमश: पूरे प्रान्त के सभी जिलों में रचनात्मक गतिविधियों के सफलपूर्वक संचालन हेतु किस तरह की भवितव्यता है, इस पर एक दृष्टि एक विजन रखने का प्रयास डॉ० साहू के द्वारा हुआ।
ज्ञातव्य है कि छ०ग० प्रान्त भावनाशीलों, श्रमशीलों एवं सेवाभावियों का गढ़ है। उस मिट्टी का संस्कार ही है कि वहाँ के प्राणवान भाई-बहन मिशन के आन्दोलनों को प्राणपण से सम्पन्न करने सदैव ही तैयार रहते हैं। इसमें कोई अत्युक्ति अथवा दो राय नहीं है कि ऐसे समर्पित प्रज्ञा परिजनों की सक्रियता निश्चित ही आशातीत सफलता दिलायेगी। संगोष्ठी के क्रम में आवश्यक चर्चा इन महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं पर हुई कि आगामी १०८ कुण्डीय यज्ञ का प्रारूप किस प्रकार तय किया जाना चाहिए। जिले के सभी ब्ल्ॉाकों एवं घर-घर में किस तरह युगशक्ति गायत्री की उपासना जन-जन के द्वारा संभव हो सकेगा।
कार्य योजनाएँ जिला स्तर पर निरन्तर संपादित होती रहेंगी और बोया हुआ बीज समय आने पर फलित होगा, गति मिलेगी यह सुनिश्चितता है। वर्तमान में उन कार्य योजनाओं पर फोकस की बातें हुईं जहाँ से रचनात्मक योजनाएँ अपने समय पर मूत्र्त रूप ले सकें। चर्चा में यह बात स्पष्ट हुई कि साधना की केन्द्रित धुरी पर परिभ्रमण करते हुए क्रमश: निकटवर्ती गाँवों एवं से लेकर जिले के सुदूर गाँवों तक पहुँच होगी और पूरे वर्षभर अनवरत घर-घर, जन-जन तक पहुँचने, उन्हें रचनात्मक गतिविधियों-कार्ययोजनाओं से अवगत कराने के साथ १०८ कुण्डीय यज्ञों हेतु भावभरा आमंत्रण दिये जाने पर विशेष चर्चा हुई।
समयदान-अंशदान की पुण्य परम्परा से सदैव ही महान् कार्य सम्पन्न हुए हैं। इस दृष्टि से उदारमना भामाशाहों, महान् व्यक्तित्वों एवं प्रतिभासम्पन्न उन सभी की प्रतिभा का एकांश यज्ञाहुति के रूप में समर्पितकर विराट् आयोजन की सम्पन्नता-सफलता पर आवश्यक चर्चा हुई। रचनात्मक कार्य योजना जो सभी प्रज्ञा संस्थानों में पूरे वर्षभर संचालित होने हैं, वह साधना के साथ गौ-सेवा हेतु जागरुकता उसकी महत्ता, उपादेयता पर प्रकाश डाला गया। किस तरह यह गौ एवं गौशाला स्वावलम्बन का मेरुदण्ड है जो गोउत्पाद से आरंभ होकर ग्रामतीर्थ की परिकल्पना साकार करने के लिए रोजगार का भी एक महत् उपक्रम बन सकता है।
चर्चा हुई कि आद्यशक्ति गायत्री की समर्थ साधना के विविध रूप मंत्र-लेखन अभियान, अनुष्ठान, सामूहिक चालिसा पाठ, स्वाध्याय उपक्रम आदि माध्यमों से उपासना का प्रयोजन पूरा करने के एवं गौ-सेवा के साथ गोबर-गोमूत्र आधारित उत्पाद से स्वावलम्बी बनने की दिशा में नेक पहल की जा सकेगी। क्रमश: इसी तरह सभी आन्दोलनों को क्षेत्रीय एवं भौगोलिक स्थिति के अनुरूप गति प्रदान करने हेतु सक्रियता, तत्परता पर आवश्यक चर्चा हुई। शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलम्बन, नारी जागरण, नशा निवारण, वृक्षारोपण, कुरीति उन्मूलन एवं सत्प्रवृत्ति संवर्धन के कार्य न केवल स्थापित गायत्री-गो सेवा-साधना संस्थान बैसपाली से ही संचालित होंगे, वरन् इस जिले से आरंभ होकर प्रान्त के प्रत्येक जिले में इसी तरह की कार्य योजना विकेन्द्रीकरण के रूप में पूरे प्रान्त में भविष्य में संचालित होंगी, यह एक विजन प्रस्तुत हुआ।
इस तरह रचनात्मक आन्दोलनों के मूल में चहुँमुखी आध्यात्मिक-भौतिक उन्नति-प्रगति के साथ खुशहाल-समुन्नत आदर्श प्रान्त के लिए सदैव ही नेक पहल अखिल विश्व गायत्री परिवार मुख्यालय युग तीर्थ-गायत्री तीर्थ शान्तिकुंज-हरिद्वार के तत्त्वावधान एवं मार्गदर्शन में सतत् उत्कृष्ट गतिविधियाँ संचालित होती ही रहेंगी, स्पष्ट हुईं।
ज्ञातव्य हो कि इस अवसर पर वरिष्ठ-कनिष्ठ प्राय: सभी कर्मठ कार्यकत्र्ताओं की सक्रिय भागीदारी रही। प्रतिष्ठित परिजन जो सदैव ही महत् कार्यों को आमलीजामा पहनाने में बड़ी सक्रियतापूर्वक संलग्र रहते हैं, उनकी बराबर सहभागिता रही। क्रमश: सर्व श्री ओमप्रकाश राठौर जी (प्रान्तीय युवा प्रकोष्ठ प्रमुख-प्रभारी) जिला समन्वयक श्री क्षीरसागर पटेल जी, उप समन्वयक श्री बी०एल० डनसेना जी, जिला कार्यक्रम एवं प्रशिक्षण प्रभारी श्री रामचरण सिदार जी, पूर्व जिला समन्वय वंशीधर पटेल जी, उप पूर्व जिला संयोजक केदार डनसेना जी, रायगढ़ जिला युवा प्रकोष्ठ समन्वयक श्री संजय गौतम जी एवं श्रीमती चमन गौतम जी, रायगढ़ ब्लॉक समन्वयक श्री अवधराम साहू जी सपत्निक, रायगढ़ जिला महिला मण्डल एवं ब्लॉक प्रमुख श्रीमती किरण देवी श्रीवास्तव जी, वरिष्ठ कार्यकत्र्ता श्री शिव जायसवाल जी सपत्निक एवं शहर के प्रतिष्ठित वर्ग सर्व श्री महादेव अग्रवाल जी, श्री श्रवण केजरी वाल जी आदि उपस्थित थे। तमनार ब्लॉक से श्री जनकराम साहू जी ट्रस्टी, उपस्थित थे।
इधर खरसिया ब्लॉक प्रमुख श्री अरविंद गवेल जी, युवा प्रकोष्ठ ब्लॉक समन्वयक श्री दीनबन्धु चौहान जी एवं महिला अध्यक्ष श्रीमती वैदेही चौहान जी, गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट बैसपाली-रायगढ़ के ट्रस्टीगण श्री दिलचंद साहू जी, श्री छगन लाल साहू जी, श्री हेतराम डनसेना जी, श्री नरेश चन्द्र पटेल जी एवं युवा सक्रिय उत्साही कार्यकत्र्तागण श्री ध्रुव कुमार डनसेना जी, श्री सीताराम डनसेना जी, श्री भुवनेश्वर साहू जी, श्री शेखर डनसेना जी आदि समस्त क्षेत्रीय प्रज्ञा परिजन भाई-बहनों की गरिमामयी उपस्थिति रही। उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर संजय गौतम सपत्निक ने महत् उद्देश्यों से अभिप्रेरित हो दूरदर्शिताभरी विजन के निमित्त २१ हजार रुपये सश्रद्धानुदान की घोषणा कर दी।
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रामचरण सिदार
जिला कार्यक्रम प्रभारी, रायगढ़
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