ज्ञान और विज्ञान के शक्ति स्रोत- गायत्री और यज्ञ

भारत भूमि की प्रसुप्त अन्तरात्मा को जगाने के लिये ज्ञान और विज्ञान की प्रतिष्ठापना करना सर्वप्रथम कार्य है। ज्ञान और विज्ञान इन दोनों के बल पर ही काई व्यक्ति या राष्ट्र उन्नति कर सकता है। जब इन दोनों में से एक की भी कमी हो जाती है तो अधःपतन आरम्भ हो जाता है। ज्ञान का […]

गायत्री साधना के दिव्य लाभ

गायत्री मंत्र में समस्त संसार को धारण, पोषण और अभिवर्द्धन करने वाले परमात्मा से सद्बुद्धि प्रदान करने की प्रार्थना की गई है। श्रद्धा-विश्वासपूर्वक की गई यह उपासना साधक की अंतश्चेतना में, उसके मन, अंतःकरण, मस्तिष्क, विचारों और भावनाओं में सन्मार्ग की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा भरती है। साधक जब इस महामंत्र के अर्थ पर […]

समृद्धि का एकमेव आधार- ग्रामोत्थान

दूर-दूर फैली खेतों की मखमली हरियाली, निर्मल आकाश, नदी, नद, सरोवर, झरनों की सुमधुर आवाज, पक्षियों का कलरव, मिट्टी की सौंधी-सौंधी महक गाँवों की प्राकृतिक सम्पदा एवं सम्पत्ति है। ऐसा लगता है मानो प्रकृति अपने समस्त सौंदर्य एवं शृंगार के साथ गाँव में बस गयी हो। गाँव का परिवेश एवं पर्यावरण मनभावन, मोहक एवं सजीव […]